कह दो दोस्तों ये दोबारा कब होगा ???

राह देखी थी इस दिन की कबसे,
आगे से सपने सजा रखे थे नाजाने कब से।
बड़े उतावले थे यहाँ से जाने को,
ज़िन्दगी का अगला पड़ाव पाने को...
पर न जाने क्यों...दिल में आज कुछ और आता है,
वक़्त को रोकने का जी चाहता है।


जिन बातों को लेकर रोते थे आज उन पर हंसी आती है,
न जाने क्यों आज उन पलों की याद बहुत आती है,
कहा करते थे...बड़ी मुश्किल से तीन साल सह गए,
पर आज क्यों लगता है की कुछ पीछे रह गया।
न भूलने वाली कुछ यादें रह गयी,
यादें जो अब जीने का सहारा बन गयी।

मेरी टांग अब कौन खींचा करेगा,
सिर्फ मेरा सर खाने कौन मेरा पीछा करेगा।
जहाँ २००० का हिसाब नहीं वहां २ रूपए के लिए कौन लडेगा,


कौन रात भर साथ जग कर पढ़ेगा,
कौन मेरी चीजें मुझसे पूछे बिना लेजाएगा,
कौन मेरी नए नए नाम बनाएगा,
मैं अब बिना मतलब किस से लडूंगी,
बिना topic के किससे फालतू बात करूंगी।

कौन fail होने पर दिलासा देगा,
कौन गलती से number आने पर गालियाँ सुनाएगा...

टपरी में चाय किस के साथ पीयूंगी,
वो हसीं पल अब किस के साथ जियूंगी,


ऐसे दोस्त कहाँ मिलेंगे जो खाई में भी धक्का दे आयें,
पर फिर तुम्हे बचाने खुद भी कूद जायें।

मेरे गानों से परेशान कौन होगा,
कभी मुझे किसी लड़के से बात करते देख हैरान कौन होगा,

कौन कहेगा साली - 'तेरे joke पे हंसी नहीं आई',
कौन पीछे से बुला के कहेगा...आगे देख भाई।

Movies मैं किसके साथ देखूँगी,
किस के साथ boring lectures झेलूंगी,

मेरे फर्जी certificates को रद्दी कहने की हिम्मत कौन करेगा,
बिना डरे सची राह देने की हिम्मत कौन करेगा।

अचानक बिन मतलब के किसी को भी देख कर पागलों की तरह हँसना,
न जाने ये फिर कब होगा...

दोस्तों के लिए professor से कब लड़ पाएंगे,
क्या हूँ ये फिर कर पाएंगे,

रात को २ बजे पोहा खाने कौन जायेगा,
तेज़ गाडी चलने की शर्त कौन लगाएगा।

कौन मुझे मेरी काबिलियत पर भरोसा दिलाएगा,
और ज्यादा हवा में उड़ने पर ज़मीन पे लायेगा,

मेरी ख़ुशी में सच में खुश कौन होगा,
मेरे गम में मुझ से ज्यादा दुखी कौन होगा....

कह दो दोस्तों ये दोबारा कब होगा ???

By one of my angels --- Garima Tripathi (Sub names ki to puri list hai...worth a post.....)

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